यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है , तो आपको balance sheet पड़नी आनी चाहिए। या फिर यदि आप खुद कोई बिज़नस भी करना चाहते है तो भी आपको balance sheet का पता होना चाहिए। यदि आपको balance sheetनही पढ़नी आएगी तो आपको किसी भी कंपनी की देनदारी और लेनदारी का पता नही चलेगा। आपको कंपनी के कर्ज़े, उधार, फैक्ट्री , कैश इन सब चीज़ों का नहीं पता चलेगा ।
1 साल 12 महीने होते है । 1क्वार्टर 3 महीने का होता है , 12 महीने में 4 क्वार्टर होते है।
1अप्रैल को फाइनेंसियल साल होता है।
तो चलिए हम बैलेंस शीट की liabilities को समझने की कोशिश करेंगे । liabilities एक देनदारी के बारे में बताता है , की कंपनी पर कितना कर्ज़ है, लोन , खर्च एक छोटी बात में कहे तो कंपनी की हेल्थ यही से पता चलती है ।
आइये जानते है balance sheet के बारे में।
Shareholder funds -.
कंपनी को अगर पैसो की जरूरत है तो उसके पास दो ऑप्शन है । एक तो ये की वो बैंक से लोन ले । इसे कंपनी को ब्याज सहित बैंक को देने पड़ते है । दूसरी ऑप्शन ये की वो कंपनी शेयर जारी कर के शेयर धारको से पैसे ले लेती है । इस स्थिति में उनको पैसे वापस नहीं देने पड़ते , शेयर लेकर निवेशक कंपनी में हिस्सेदार बन जाते है , और वे कंपनी के प्रॉफिट लोस्स के हिस्सेदार बन जाते है ।
Equity share capital –
मान लीजिए कंपनी की फेस वैल्यू 10 रुपया है। और कंपनी 100 का एक शेयर बेच रही है तो 90 रुपया कंपनी अपने प्रीमियम पर शेयर बेच रही है। और कंपनी ने 10 करोड़ शेयर जारी किये है।
Equity share capital = face value× no of share issued
10 × 10 crore – 100 करोड़
अब शेयर प्रीमियम – प्रीमियम×जितने शेयर जारी किये
90× 10 करोड़ = 900 करोड़ ।
Reserves and surplus _
शेयर प्रीमियम से मिला पैसा reserves and surplus में दिखाया जाता है। कंपनी के डिविडेंड देने के बाद बाकि बचा प्रॉफिट यहाँ दिखाया जाता है


Non current liabilities _
जो liabilities एक साल से ज्यादा समय के लिए होती है ।
Long term borrowing _ जो एक साल से ऊपर का उधार लिया हुआ पैसा long term borrowing होता है।
Deferred tax laibilities-
वो टैक्स जो कंपनी ने अभी तक नहीं दिए , ये भविष्य में पैसे चुकायेगी।
Other long term provisions – कई बार जहा कंपनी को पता होता है कि भविष्य में खर्चे होने वाले है , परन्तु उन्हें असल अमाउंट का नहीं पता होता । तो इस जगह कंपनी कुछ कैश अपने पास रख लेती है तो इसे other long term provisions कहेगे।


Current liabilities_
एक साल से कम समय के लिए है उसे current liabilities कहते है।
Short term borrowing-
एक साल से कम समय के लिए लिया गया उधार। उदहारण: बैंक ।
Trade payable –
कंपनी वालो को कच्चा माल क्रेडिट पर मिलता है 30 -40 दिनों के लिए। जिस माल का बिल बन गया हो , पर उसका भुगतान न किया गया हो उसे trade payable कहते है।
Other short term liabilities – यहाँ पर कंपनी ने जो डिविडेंड का भुगतान नही किया और बैंक ओवर ड्राफ्टेड आता है।
अब मुझे उम्मीद है कि अब आपको बैलेंस शीट की liabilities side समझने में कोई परेशानी नहीं होगी । अससेट्स की बात हम अपने अपने अगले आर्टिकल में करेगे । हमारे ऐसे ही पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर अन्य पोस्ट अवश्य पढ़ें।
धन्यवाद ।